वक्त एक ऐसी शक्ति है जो दिखाई नहीं देती, पर हर बदलाव की नींव उसी पर टिकी होती है। वह न बोलता है, न चलता है, न लड़ता है, लेकिन हर आंदोलन, हर विचार, हर निर्माण उसी की प्रेरणा से जन्म लेता है।
यह कविता युवा पीढ़ी को, उनके मौन पर, लेकिन निर्णायक शक्ति की याद दिलाती है, जो उन्हें जिम्मेदारी, चेतना और निर्माण की ओर बुलाती है...
वक्त खुद चलता नहीं, सबको चलाता है,
हर मोड़ पर नया "रास्ता" दिखाता है।
वो खुद तो कभी कुछ नहीं बोलता,
पर तुम्हारी चुप्पी में, "शोर" बन जाता है।
वो अपने लिए, कभी लिखता नहीं,
पर तुम्हारे कर्मों से "इतिहास" बनाता है।
वक्त की आंखें नहीं, वो देखता नहीं,
पर तुम्हारी आँखों में "सपने" सजाता है।
वक्त का पाठ ... The Lessons of Time
वो स्वयं कभी पढ़ता नहीं,
पर तुम्हारी सोच को एक "दिशा" देता है।
वक्त खुद कुछ सीखता नहीं,
पर हर ठोकर में तुम्हे, "सबक" सिखाता है।
वो कभी किसी से खुद लड़ता नहीं,
पर अन्याय के खिलाफ, तुम्हें खड़ा करता है।
वक्त कभी दुःखी होता नहीं, रोता नहीं,
पर हर दर्द को, तुम्हारे दिल तक पहुंचाता है।
वक्त का विश्वास ... Time’s Trust in You
धरती, समाज, संस्कृति, सब तुम्हारी "सीढ़ियां",
तुम्हारे फैसलों से ही गढ़ेगी नई " पीढ़ियाँ",।
तुम्हारा वक्त तो बस एक बहाना है,
तुम्हारी नव शक्ति ही, काटेगी पुरानी बेड़ियां।
तो चलो, आज के वक्त को साथी बनाओ,
अब से हर पल की जिम्मेदारी तुम निभाओ।
क्योंकि वक्त कभी, खुद कुछ नहीं करता,
तुम ही बनो अब, अपने आने वाले कल के कर्ता।
युवा की जिम्मेदारी, Youth’s Responsibility
ऐ युवा पीढ़ी... वक्त की ये पुकार सुनो,
हर पल को पहचानो, हर क्षण को चुनो।
तुम्हारे हाथों में है, दुनिया में बदलाव की कुंजी,
तुम्हारे कदमों में है, दुनिया की सबसे बड़ी पूंजी।
मत सोचो कि, कभी कोई और आएगा,
वक्त कहता है, अब तुम से ही बदलाव आएगा।
हर विचार, जो तुम आज बोओगे,
कल वही, समाज की ठोस नींव बन जाएगा।
"वक्त की पुकार कोई शोर नहीं है", यह एक अंदरूनी आवाज़ है, जो हर युवा के दिल में गूंजती है। जो इसे सुनता है, वही नेता बनता है, वही निर्माता बनता है, वही इतिहास रचता है। तो उठो, जागो, और वक्त के साथ चलो, क्योंकि तुम ही हो जो आने वाले कल को आकार दोगे।
#वक्तकीपुकार #CallOfTime #YouthPoetry #बदलावकीचाबी #PowerOfYouth #TimeAwareness
मनोज भट्ट कानपुर द्वारा रचित...🙏🌹🙏
https://manojbhatt63.blogspot.com
पढ़ने के लिए धन्यवाद...🙏
Sahi kaha aapne aaj samay ki pukar yahi hai ki yuva jage samaj kosahi Mayne me aducate kare apne bachho se hi start kare naye kirtiman banye
जवाब देंहटाएंधन्यवाद गायत्री जी, मेरी मूल भावना भी यही है कि यदि मेरे लेखन से युवा पीढ़ी का एक छोटा वर्ग भी प्रभावित होकर, एक नई सोच के साथ, एक नई ऊर्जा के साथ, अपने व अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए, धरातल बनाने के कार्य की शुरुआत, कहीं से भी, किसी भी स्तर पर करे, तो मैं समझूंगा कि मेरा लेखन और मेरी भावना सफल हुई... 🙏
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