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जो दिखता है वही बिकता है , लेकिन टिकने के लिए क्या चाहिए..? | What You Show is What Sells , But How to Sustain It..?

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जो  दिखता है, वही बिकता है, पर क्या इतना ही काफी है. ..?       बचपन से ही हम सुनते आए हैं , “ जो दिखता है, वही बिकता है।” यह कथन आज के समय में एकदम सटीक बैठता है । सोशल मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और बाज़ारवाद के इस युग में यदि आप स्वयं को प्रदर्शित नहीं करते, तो मानो आप अस्तित्व में ही नहीं हैं। लेकिन यहाँ एक बड़ा प्रश्न यह भी खड़ा होता है कि क्या केवल दिखने भर से ही कोई व्यक्ति, वस्तु या विचार दीर्घकालिक स्तर पर स्थापित हो पाएगा ?      तो आईए एक सिद्धांत पर विचार करें... दिखना ज़रूरी है, क्योंकि यही पहचान है       ये कदाचित सच है कि आज के दौर में यदि कोई व्यक्ति अंतर्मुखी रहकर, केवल अपनी विशेषताओं के साथ, भीतर की गहराइयों में खोया रहता है, तो उसकी प्रतिभा दूसरों तक नहीं पहुँच पाती। वह चाहे कितना भी योग्य क्यों न हो, अगर वह सामने नहीं आएगा, तो दुनिया उसे पहचान ही नहीं पाएगी। यही कारण है कि आज हर किसी के लिए अपना एक उचित मंच या प्लेटफॉर्म बनाना अनिवार्य हो गया है, चाहे वह कोई वस्तु हो,लेखन हो, कला हो, संगीत हो या कोई दर्शन। आज अपने आप को ...