शिक्षा से पहले सभ्यता Civility Before Education

शिक्षित होने से पहले सभ्य होना आवश्यक है (एक दृष्टिकोण) आज का युग ज्ञान-विज्ञान, तकनीक और प्रगति का युग कहा जाता है। हर ओर डिग्रियों की दौड़ है, बच्चों से लेकर युवाओं तक हर कोई केवल इस प्रतिस्पर्धा में उलझा हुआ है कि कौन अधिक अंक लाता है, किसे बेहतर संस्थान से डिग्री मिलती है, कौन ऊँचे वेतन वाली नौकरी पाता है। लेकिन इस आपाधापी में एक महत्वपूर्ण प्रश्न पीछे छूट जाता है कि क्या केवल शिक्षित होना ही पर्याप्त है, या सभ्य होना, उससे कहीं अधिक अनिवार्य है ? शिक्षा और सभ्यता में अंतर की सूक्ष्म रेखा शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन नहीं है। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य है, इंसान को इंसान बनाना, उसके भीतर नैतिकता, संवेदनशीलता और मानवता का बीजारोपण करना। लेकिन दुर्भाग्य से आज शिक्षा की परिभाषा केवल अंकतालिका, परीक्षा परिणाम और कैरियर की ऊँचाइयों तक सिमट कर रह गई है। जबकि सभ्यता वह गुण है जो शिक्षा से परे जाकर हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है। सभ्य होने का मतलब है, दूसरों के विचारों का सम्मान करना, अपनी ...