ब्लॉग की शुरुआत : क्यों बना रिश्तों का ताना-बाना

   

 
  हर परिवार, हर रिश्ते और हर अनुभव में कुछ ऐसा होता है जो केवल महसूस किया जा सकता है , पर कई वजहों से कहा नहीं जा पाता।

   " रिश्तों का ताना-बाना " मेरी कोशिश, इन अनकहे भावों को शब्द देने का माध्यम....

     यह ब्लॉग मैंने इसलिए शुरू किया है, क्योंकि मैं समाज, परिवार और जीवन से जुड़ी, अपने अनुभव के आधार पर, उन बातों को कहना चाहता हूं जो सिर्फ दिल से निकलती हैं और सीधे दिल तक पहुंचती हैं।

      यह एक यात्रा है, आत्मचिंतन की, अनुभवों की और रिश्तों के उन धागों की, जो जीवन को बुनते हैं।

    स्वागत है आपका, इस भावनात्मक यात्रा में...

       आपकी टिप्पणी मेरे लिए मार्गदर्शन होगी। आपके अनुभव और विचार ही इस “रिश्तों का ताना-बाना” को जीवंत बनाते हैं। मेरे "रिश्तों का ताना-बाना" ब्लॉग का लिंक 👇

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                मनोज भट्ट, कानपुर 

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